यहां पृथ्वी पर सभ्यता का एक महान महापुरुष विदाई लेता है. गौतम बुद्ध, जो धर्म के संदेशवाहक थे, अब आत्मसात कर रहे हैं. उनके जीवन का यात्रा एक प्रेरणा था और उनका ज्ञान आज भी जीवन के हर पल में प्रासंगिक है.
बुद्ध के अनुयायी उनके मार्ग पर चलते रहेंगे । वे बुद्ध के ज्ञान को संजोते हैं और आगे बढ़ते हैं . यह विदाई ज्ञान के प्रकाश को जारी रखने का समय है.
अंत के कारण क्या?
यह एक सवाल है जो हमें/हर किसी को/मानवता को सदैव परेशान करता रहा है/चिंता देता रहा है/उलझाता रहा है. कुछ लोग/विद्वान/इतिहासकार मानते हैं कि मृत्यु का कारण आयु बढ़ना/बीमारी/जीवन चक्र है.
दूसरे/अन्य/कुछ यह कहते हैं कि यह एक गुप्त रहस्य/अज्ञात शक्ति/प्राचीन भविष्यवाणी का परिणाम है. कई लोग/यहां तक कि कैसे हुई और क्यों हुई? वैज्ञानिक भी/वैज्ञानिक समुदाय मृत्यु को एक निरंतर प्रक्रिया/बड़ी चुनौती/जीवन का अंतिम चरण मानते हैं.
यह सवाल आज भी उतना ही उलझा हुआ है/अनुसंधान का विषय बना रहता है/हमें सोचने पर मजबूर करता है. शायद/कुछ दिनों में/समय के साथ हम इसका जवाब जान पाएँगे.
अंतिम अंतिम साँसें
एक शांत दिन में, बुद्ध ने अपनी आखिरी साँसें लीं। वह अपनी सिखों को प्रशिक्षित कर रहे थे जब उनकी स्थिति अचानक बिगड़गई। उनके चेहरे पर एक शांत भाव था, जो दर्शाता था कि वह अपने जीवन की समाप्ति को उत्साहित था। उनकी दृष्टि धीमी हो गईं और अंत में पूरी तरह से रुक गईं।
बुद्ध का निर्वाण
यह यात्रा गौतम बुद्ध के जीवन का अंतिम अध्याय था। निर्जरा से परिपूर्ण इस यात्रा में, उन्होंने अपनी ज्ञान की सीमाओं को अनुभव किया। यह परिवर्तन उनका नहीं था, बल्कि एक अलग आवाज का प्रस्ताव था। उन्होंने मानवता को छोड़ दिया और असीम ज्ञान की धरती में प्रवेश किया।
श्री अशोक के पिता, महात्मा बुद्ध का निधन
भारत में भगवान बुद्ध के जन्म और निधन के स्थानों की महत्ता इस दिन भी समज में आती है। उनका एक महान धर्मग्रन्थ का प्रसारक थे, जिन्होंने सभी को शांत जीवन जीने के मार्ग दिखाया।
उस महान आत्मा का वियोग
एक प्रिय आत्मा की त्याग से सारे जीवन में उसको यादें जागती रहेंगी .
उसका भले ही स्वभाव, उसकी चमकदार मुस्कान और उसके शानदार गुण आज भी हमारे दिलों में जीवित रहेंगे .
बहुत सारे लोग उससे प्रेम करते थे, क्योंकि उनका जीवन निष्ठावान था। वह हमेशा दूसरों की मदद में तत्पर रहता था और उसकी उपस्थिति हर जगह एक सकारात्मक शक्ति थी।